सुरह मुल्क هو تطبيق الكتب والمراجع تم تطويره بواسطة HANIF SAMA ويمكن تشغيله على الأجهزة المحمولة، ولكن باستخدام أفضل محاكي اندرويد - LDPlayer، يمكنك تنزيل सुरह मुल्क وتشغيله على جهاز الكمبيوتر الخاص بك.
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मुल्क कुरआन पाक की 67 वीं सूरह है। 29 पारे में है। और यह एक मक्की सूरह है। सूरह मुल्क में 30 हैं। यह मक्का में इस्लाम के शुरुआती दिनों में नाज़िल हुई थी।
सूरह अल-मुल्क पढ़ने के फायदे
1. हजरत युसूफ अलैहिस्सलाम के जैसा हुस्न
हज़रत अली इब्ने अबी तालिब (अ.स.) से रिवायत है कि हजरत मुहम्मद मुस्तफा (स.अ.व) ने फ़रमाया जो शख्स इस सूरह को पढ़ेगा वो क़यामत के दिन निजात (छुटकारा) पाएगा ، मलायका (फरिश्तों) के परों ( पंखों) पर उड़ेगा और हजरत युसूफ अलैहिस्सलाम जैसा हुस्न पायगा।
2. अज़ाब-ए-कब्र से निज़ात
इमाम मोहम्मद बाक़र (अ.स.) ने फ़रमाया कि सूरह मुल्क “सूरह मना” है इसलिए ये अपने पढ़ने वालों को-ए-कब्र (कब्र के अज़ाब) से बचाता है। तौरेत में भी इसका नाम सूरह मुल्क है। जो शख्स इस सूरह को शब्ह के वक्त (शाम के बाद) पढ़ेगा वो साहब-ए-बरक़त करार पाएगा और खुश रहेगा।
3. कयामत के दिन खुदा की पनाह
हज़रत इमाम ज़ाफर सादिक (अ.स.) फरमाते हैं जो शख्स तबारकल लज़ी पढ़ेगा खासकर सोने से पहले तो वो हमेशा खुदा के अमान में रहेगा और क़यामत के रोज़ खुदा की पनाह (हिफाज़त) में होगा। हुजूरे पाक हजरत मुहम्मद मुस्तफा (स.अ.व) ने फरमाया कि ये सूरह अज़ाब-ए-कब्र से महफूज़ (सुरक्षित) रखने वाला है।
4. अपने तिलावत करने वाले की शफाअत
रसूलुल्लाह (स.अ.व) ने फरमाया: "बेशक कुरआन में 30 आयातों पर मुश्तमिल एक सूरह है जो अपने कारी (पढ़ने वाले) के लिए शफाअत करती रहेगी। यहाँ तक की इस की मग़फिरत कर दी जाएगी। और ये सूरह तबारकल्लज़ी बियदीहिल मुल्क है।
5. सूरह मुल्क कब्र में आपके साथ रहेगी
जब आप के माँ-बाप ، भाई-बहन ، दोस्त और रिश्तेदार सब आप को छोड़ कर चले जायेंगे ، उस वक़्त क़ब्र की अँधेरी रात में आपका कोई गमख्वार न होगा। ऐसे नाज़ुक हाल में इस सूरह की बरकत कब्र में आपके साथ होगी।
6. सूरह मुल्क अल्लाह के अज़ाब से बचाती है
सूरह मुल्क का रोज़ाना पढ़ना अल्लाह तआला के गुस्से को ठंडा करता है और उसके अज़ाब से बन्दे को महफूज़ रखता है।
7. सूरह मुल्क मगफिरत की सिफ़ारिश करेगी
सूरह मुल्क आपके गुनाहों की माफ़ी के अल्लाह तआला से अपने पढ़ने वालों सिफ़ारिश करेगी कि ए अल्लाह! इस को अज़ाब से महफूज़ फरमा।
8. कब्र के अन्दर सूरह मुल्क की तिलावत
हजरत सैय्यिदना इब्न अब्बास (रज़ि) फरमाते हैं कि एक सहाबी ने एक बार कब्र पर अपना खेमा लगाया। उनको इस बात का इल्म (जानकारी) नहीं था कि यहाँ पर कब्र है। लेकिन बाद में उनको पता चला कि यहाँ पर किसी शख्स की कब्र है जो सूरह मुल्क पढ़ है है और कब्र के अन्दर पूरी सूरह पढ़ी।
. वहाँ पर किसी की कब्र है। जबकि वहाँ पर एक ऐसे शख्स की कब्र है जो रोज़ाना पूरी सूरह मुल्क पढ़ता है। " फिर हजरत मुहम्मद मुस्तफा (स.अ.व) ने फरमाया: "यही रोकने वाली है، यही निज़ात दिलाने वाली है، जिसने इस आदमी को अज़ाब-ए-कब्र से महफूज़ रखा।
सूरह मुल्क की फजीलत
दोस्तों कुरआन पाक अल्लाह तआला का सबसे बड़ा तोहफा है जो उसने हम इंसानों को दिया है। कुरआन पाक की हर सूरह एक नूर की तरह है जो हमारी ज़िन्दगी को बदल देती है और हमें जीने का सही रास्ता दिखाती है। ठीक उसी तरह सुरह मुल्क के फाइदे कई हैं।
हजरत इब्न अब्बास ने एक शख्स से - "क्या मैं तुम को एक ऐसी हदीस तोहफे में दूँ जिस से तुम खुश हो जाओ"؟
मह्फूम-ए-हदीस: "तबारकल्लज़ी बियदीहिल मुल्क" पढ़ा करो! अपने घर वालों को، सभी बच्चों को، और पड़ोसियों को भी सिखाओ। ये सूरह निज़ात दिलाने वाली सूरह है। ये अपने पढ़ने वालों के लिए रब से झगड़ा करेगी और अल्लाह तआला से सिफारिश करेगी कि उसके पढ़ने वाले को जहन्नुम के आग से बचाया जाए।
सूरह मुल्क के हर एक आयत को याद करने और उसका मतलब समझने की कोशिश कीजिए। आप सूरह मुल्क की तिलावत भी सुन सकते हैं।